Gunjan Kamal

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यादों के झरोखे से " अनूठा जश्न "

दोस्तों! आज भी वह दिन याद है जब  एक  खबर पढ़ी थी  जिसमें लिखा था कि भोपाल में एक बेटी के जन्म पर उसके पिता ने एक ऐसा अनूठा जश्न मनाया कि लोग  देखते ही गए। आज यादों के झरोखें में उस ना भूलने वाली  याद को  लेकर आप सबके समक्ष उपस्थित हुई हूॅं।


चलिए दोस्तों ! आप सभी को इन पिता के बारे में विस्तार से बताती हूॅं । आप सभी ने यह तो देखा ही होगा कि   एक बेटे के बाद जब एक बेटी का जन्म होता है तो वह पिता यह खुशी अपने परिवार के साथ साथ नाते रिश्तेदारों के साथ भी मनाता ही है। ऐसा ही उस पिता के साथ भी  हुआ तो पिता ने यह खुशी अपनी पत्नी अपने परिवार और लोगों के साथ मनाया। उस पिता का  नाम अंचल गुप्ता था और वह भोपाल के  कोलार इलाके में रहता था, उसके घर १७ अगस्त को एक बेटी ने जन्म लिया था और उसी  बेटी के जन्म की खुशी में उसने  अपने कोलार इलाके  में ही लोगों को ५० हजार पानीपुरी मुफ्त में खिलाई थी ।  अंचल गुप्ता ने पहले से  ही सोच रखा था कि यदि उनके घर बेटी का जन्म होता है तो वह इस जश्न को अनोखे तरीके से मनाएंगे और वें लोगों को  एक संदेश  भी देना चाहते थे कि बेटी के जन्म से बड़ी खुशी दुनिया में कोई और खुशी नहीं हैं ।


दोस्तों ! अंचल गुप्ता ने ज्यादा से ज्यादा लोग मुफ्त में पानी पुरी खा सके इसके लिए उन्होंने १० स्टाल लगाए थे। १२ सितंबर के   दिन १:०० बजे से लेकर ६:०० बजे तक उनकी दुकान में आने वाले सभी लोगों को उन्होंने मुफ्त में पानी पुरी खिलाई। जी हाॅं! आप सब ने सही समझा, अंचल गुप्ता का व्यवसाय पानी पुरी बेचना ही था और अपने इसी काम को उन्होंने अपनी खुशी व्यक्त करने का जरिया बनाया और अपनी खुशी में  अनगिनत लोगों को खुश होने का मौका भी दिया।


दोस्तों!  ५  घंटे तक चले इस कार्यक्रम में उन्होंने अपनी दुकान के आगे टेंट भी लगाए थे ताकि लोग आराम से कतार में खड़े होकर पानी पूरी का आनंद ले सकें। जब लोगों ने अंचल गुप्ता से  पूछा गया कि आपने यह क्यों किया ? तो उन्होंने कहा कि  जब मैं पहली बार पिता बन रहा था तभी मेरी इच्छा थी कि मैं एक बेटी का पिता बनूं  लेकिन उस समय भगवान ने मेरी यह मुराद पूरी नहीं की  लेकिन २  साल बाद जब मैं फिर से पिता बनने वाला था  तो भगवान के सामने मैंने मन्नत मांगी  थी कि अगर मैं इस बार  बेटी का पिता बना तो इस जश्न को  लोगों  के साथ ५०,०००  पानी पुरी मुफ्त में खिलाकर मनाऊंगा । अंचल गुप्ता १४  साल से भोपाल के कोलार इलाके में पानी पुरी बेचने का काम कर रहे हैं।हमेशा ही उनके ग्राहक उनके पानीपुरी की तारीफ भी करते हैं । एक दिन में वह लगभग  ५,००० पानी पूरी बेचते हैं। अखबार में अंचल गुप्ता और उनकी नन्ही परी की तस्वीर भी छपी थी जो बहुत प्यारी थी । तस्वीर  में  पीछे उस नन्ही परी की माॅं भी दिखाई दे रही थी, उसके साथ एक और  तस्वीर छपी थी उस दिन हुए जश्न की थी जिसमें सभी लोग पानीपुरी का आनंद लें रहें थे ।


दोस्तों ! सच कहूं तो ये खबर पढ़कर बहुत ही अच्छा लगा था और यह भी कि  पानी पुरी बेचने वाले एक  पिता ने अपनी  बेटी के जन्म की खुशी अपने ग्राहकों के साथ उन्हें मुफ्त में पानी पूरी खिला कर मनाई । हमारे देश में रहने वाले बहुत से लोग ऐसे भी हैं जो बेटी के जन्म को एक बोझ की तरह मानते चले आ रहे हैं और उसके जन्म पर जश्न मनाने की तो दूर, खुश होना भी अपनी तौहीन समझते हैं। ऐसा नहीं है कि लोगों की सोच में बदलाव नहीं हों रहा हैं । वों तो  हो ही  रहा है लेकिन उतनी नहीं जितनी होनी ‌ चाहिए । आज भी हमारे समाज में अगर पहली बार घर में बेटी होती है तो बहुत कम परिवार होते हैं  जिनके सभी सदस्य  खुशियां मनाते  हों । परिवार में का कोई ना कोई सदस्य बेटी के जन्म का सुनकर  दुखी अवश्य होता ही है और ऐसे में बेटी होने की खुशी माता-पिता को होगी भी तों वें सबके साथ खुशियां मनाने की सोच भी नहीं सकते हैं । वें चुप कर जाते हैं,ऐसे में अंचल गुप्ता जिन्हें पहली  बार में ही  एक बेटी के पिता बनने की चाहत थी लेकिन उनकी यह चाहत पहली बार में तो नहीं पूरी हुई थी लेकिन जब  दूसरी बार पूरी हुई तो उन्होंने अपनी ये खुशी उन लोगों के साथ मनाई जो रोजमर्रा की जिंदगी में उनके लिए महत्वपूर्ण थे।


दोस्तों ! सरकार ने भी बेटियों के जन्म होने पर पेड़ लगाओ कार्यक्रम की शुरुआत की है और साथ ही हमारी युवा ‌भी आजकल ऐसे अनोखे जश्न मनाकर शुरुआत करती ही रहती है । ईश्वर से यही प्रार्थना है कि जिस तरह लोग देवी माॅं और लक्ष्मी माॅं के आने पर उनकी पूजा और स्वागत-सत्कार दिल से करते है । कम से कम बेटियों के जन्म के समय मुंह बनाकर यह ना कहें कि बेटी हुई हैं बल्कि बेटे के जन्म के पश्चात जिस तरह लोग खुश होते हैं और अपनी खुशियां अपने परिजनों के साथ मिलकर मनाते हैं उसी प्रकार बेटियों के जन्म की खुशियां भी मनाई जाए क्योंकि संतान आपकी बेटी हो या बेटा यह उसके व्यवहार पर निर्भर करता है कि वह आपको  अपनी जिंदगी में क्या महत्व देता है?


दोस्तों! अब मुझे जाना होगा क्योंकि जाऊंगी तभी तो फिर से यादों के झरोखें में सहेज कर रखी गई एक और खूबसूरत याद के साथ आप सब लोगों से मुलाकात हो पाएगी। चलती हूॅं! आप सब भी अपना ख्याल रखें, खुश रहें और सबसे महत्वपूर्ण बात हमेशा हॅंसते-मुस्कुराते रहें


" गुॅंजन कमल " 💗💞💓


# यादों के झरोखे से 

# २०२२


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7 Comments

Rajeev kumar jha

07-Jan-2023 07:36 PM

शानदार प्रस्तुति 👌🙏🏻

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बहुत खूब

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Nice 👍🏼

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